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देवड़ी मंदिर, राँची : इतिहास, आस्था और सांस्कृतिक गौरव

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झारखंड की राजधानी राँची से लगभग 60 किलोमीटर दूर तामाड़ प्रखंड में स्थित देवड़ी मंदिर एक प्रसिद्ध पौराणिक और आध्यात्मिक धाम है। प्राचीन इतिहास, अनोखी स्थापत्य कला और गहरी श्रद्धा का केंद्र यह मंदिर स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दूर से आने वाले भक्तों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यहाँ स्थापित देवी भगवान (माँ देवड़ी/देवड़ी महारानी) की प्रतिमा अद्वितीय है और इस मंदिर से जुड़ी अनेक लोककथाएँ और मान्यताएँ इसे विशेष बनाती हैं।


1. मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

देवड़ी मंदिर का इतिहास लगभग देढ़ हज़ार वर्ष पुराना माना जाता है। लोककथाओं के अनुसार यह मंदिर चूड़ामणि नगरी के पांडु राजा द्वारा बनवाया गया था। यहाँ की मूर्ति 16 भुजाओं वाली अष्टभुजी देवी के रूप में पूजी जाती है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है।
मंदिर की संरचना पारंपरिक नागर शैली की झलक देती है, जिसमें बिना सीमेंट के, बड़े-बड़े पत्थरों को जोड़कर यह भवन बनाया गया है।


2. धर्म और आस्था का

देवड़ी मंदिर में देवी की प्रतिमा स्वयंभू मानी जाती है। नवरात्रि के समय यहाँ हजारों भक्त पूजा-अर्चना करने आते हैं। यह मंदिर विशेष रूप से शक्तिपीठ जैसा महत्व रखता है और माँ से मनोकामना पूर्ण होने की मान्यता है।
मंदिर में बलिदान की प्रथा पहले प्रचलित रही, लेकिन अब यह परंपरा काफी कम हो गई है। स्थानीय जनजातीय समुदाय भी इस मंदिर को अत्यधिक श्रद्धा से पूजते हैं और इसे अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ते हैं।


3. देवड़ीमंदिर और महाभारत की कथा

लोकमान्यता है कि पांडवों ने वनवास के दौरान इस स्थान पर मां भगवती की पूजा की थी। कहा जाता है कि देवी ने पांडवों को कठिन परिस्थितियों में मार्गदर्शन दिया। यह कथा मंदिर को और भी पौराणिक और रहस्यमय बनाती है।


4. स्थापत्य और प्राकृतिक सौंदर्य

मंदिर के चारों ओर फैली प्राकृतिक हरियाली, शांत वातावरण और पहाड़ियों का दृश्य मन को शांति प्रदान करता है। मंदिर परिसर में बड़े आकार के शिलाखंडों पर की गई नक्काशी इसे एक पौराणिक वास्तुकला का उदाहरण बनाती है।
यहाँ का शांत और दिव्य वातावरण ध्यान, आराधना और आत्मिक संतुलन के लिए उपयुक्त माना जाता है।


5. पहुँच मार्ग और पर्यटन

राँची से तामाड़ की ओर जाने वाली सड़क सीधे देवड़ी मंदिर तक पहुँचाती है।

  • राँची से दूरी: लगभग 60 किमी
  • सड़क मार्ग: NH-33 के माध्यम से
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: राँची
  • निकटतम हवाई अड्डा: बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, राँची
  • यह भी माना जाता है कि भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी भी महत्वपूर्ण अवसरों पर देवड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुँचते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार धोनी बचपन से ही इस मंदिर के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं और अपने करियर के कई बड़े मैचों से पहले यहाँ आकर माँ देवड़ी का आशीर्वाद लेते रहे हैं। जब भी वे राँची में होते हैं, वे अक्सर परिवार या करीबी मित्रों के साथ चुपचाप मंदिर पहुँचते हैं और सरलता से पूजा कर वापस लौट जाते हैं। धोनी की यह आस्था मंदिर से जुड़ी लोकमान्यताओं को और मजबूत करती है तथा इस पावन स्थल की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर भी विशेष बनाती है।

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